PM Surya Ghar Yojana 2024 या प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना : सोलर ऊर्जा का नया सफर-
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना‘ या तो बोले “PM Surya Ghar Yojana 2024” की शुरुआत की है, जिसका मुख्य उद्देश्य एक करोड़ घरों में छत पर सोलर पैनल स्थापित करना है और सोलर छतों के माध्यम से घरेलू बिजली पुनर्निर्माण करना है। इस अद्वितीय योजना के माध्यम से गरीब और मध्यवर्गीय परिवारों के लिए बिजली के बिलों को कम करने,ऊर्जा स्वनिर्भरता को बढ़ावा देने और पर्यावरण मित्र प्रथाओं को बढ़ावा देने का कदम उठाया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने यह भी अनुरोध किया है कि एक बड़े राष्ट्रीय प्रचार-प्रसार अभियान की शुरुआत की जाए, ताकि आवासीय उपयोगकर्ताओं को बड़ी संख्या में छत पर सोलर का चयन करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।
22 जनवरी 2024 ,श्री रामलला के मूर्ति का प्राण प्रतिष्ठा समर्पण के शुभ अवसर पर अयोध्या के दौरे के तुरंत बाद, प्रधानमंत्री ने एक बैठक की जिसमें ‘प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना‘(PM Surya Ghar Yojana 2024) की शुरुआत करने का निर्णय लिया और प्रधानमंत्री मोदी ने अधिकारियों से अपनाए जाने वाले आवासीय सेगमेंट के उपभोक्ताओं को बड़ी संख्या में छत पर सोलर को अपनाने के लिए एक विशाल राष्ट्रीय प्रचार-प्रसार अभियान की शुरुआत करने की अपील की है।
1 फनवरी 2024 , Interim Budget के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सूचित किया कि इस योजना के लाभ से घरेलू उपयोगकर्ताओं को वार्षिक रूप से लगभग 15,000 से 18,000 रुपये तक की बचत होगी, जो सौर बिजली को मुफ्त में प्राप्त करेंगे और उसे वितरण कंपनियों को बेचेंगे।
इस योजना से इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग को बढ़ावा मिलेगा, एक बड़ी संख्या के विक्रेताओं के लिए आपरेशनल अवसर मिलेगा जो आपूर्ति और स्थापना के क्षेत्र में होंगे, और तकनीकी कौशल के साथ युवा के लिए निर्माण, स्थापना, और रखरखाव के क्षेत्र में रोजगार का अवसर देगा।
डिलॉइट इंडिया के साथी, अनुजेष द्विवेदी ने कहा, छत के सौर स्थापनाओं से एक करोड़ घरानों को मजबूत करना इस योजना का लक्ष्य है जिससे लोगो को मासिक 300 यूनिट्स तक मुफ्त बिजली दिया जाएगा, बिजली क्षेत्र के लिए एक परिवर्तनात्मक संगठन को सूचित करता है। इस योजना के तहत केंद्र व राज्य सरकार मिलकर 50 प्रतिशत सब्सिडि मिलेगी।
यह पहल न केवल देश में नवीन ऊर्जा क्षमता स्थापना को बढ़ाती है बल्कि यह भी बीजली वितरण कंपनियों की गरीब वित्तीय विशेषता और सब्सिडी पर निर्भरता की अवस्था का समर्थन करती है, जिससे देश की प्रबलता और आर्थिक कुशलता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना (Pradhan Mantri Suryodaya Yojana) या PM Surya Ghar Yojana 2024 क्या है?
प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना का उद्देश्य छत पर स्थापित सोलर पैनल के माध्यम से घरों में बिजली पहुंचाना है, जो अतिरिक्त बिजली उत्पन्न करने के लिए अतिरिक्त धन प्रदान करती है। प्रधानमंत्री ने एक बड़े राष्ट्रीय प्रचार-प्रसार अभियान की मांग की है ताकि लोगों को बड़ी संख्या में सोलर पैनल का चयन करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। छत पर सोलर पैनल स्थापित किए जाते है वह एक मुख्य बिजली आपूर्ति इकाई से जुड़े होते हैं। इस प्रकार, इससे ग्रिड-कनेक्टेड बिजली के उपभोक्ताओं की खपत कम होती है और उपभोक्ता को बिजली खर्च मे बचत होती है।सोलर रूफटॉप सिस्टम में, सिर्फ एक शुरू मे पूंजी निवेश होता है और फिर उसके मरम्मत लिए न्यूनतम खर्च होता है।
प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना (PM Surya Ghar Yojana 2024) के लाभार्थी कौन हो सकते हैं?
प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना (PM Surya Ghar Yojana 2024) के माध्यम से 1 करोड़ परिवारों को छत पर सोलर ऊर्जा का उपयोग करने का अधिकार मिलेगा। यह योजना गरीब और मध्यम आय वर्ग के परिवारों को उनके बिजली बिलों को कम करने में मदद करने के लिए है ।हालांकि सरकार ने इस समय इसके बारे में विशिष्ट मार्गदर्शिका नहीं जारी की है,लेकिन संकेत है कि जिन परिवारों की आय 2 लाख रुपये से कम है,वे इस योजना के लाभार्थी होंगे। पहले,यह योजना एक करोड़ लोगों को कवर करेगी।
छत से जुड़े सोलर पैनल के क्या फायदे?
- उपभोक्ता द्वारा बिजली बिल में बचत।
- उपलब्ध खाली छत स्थान का उपयोग, कोई अतिरिक्त भूमि की आवश्यकता नहीं है।
- कम समय और कम पैसे मे छत से जुड़े सोलर पैनल के लगना।
- अतिरिक्त ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन (transmission and distribution) लाइन की आवश्यकता नहीं है।
- बिजली की खपत और उत्पादन एक साथ हो सकता हैं,जिससे ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन हानियों में कमी होती है।
- कार्बन emission में कमी होगी।
लाभार्थी के लिए छत से सोलर सिस्टम स्थापित करने की सामान्य प्रक्रिया क्या है?
रूफटॉप सोलर सिस्टम स्थापित करने के लिए योजना की मुख्य प्रक्रिया निम्नलिखित है:
रुचि जताना:
रुचि प्रकट करने के लिए लाभार्थी को अपनी इच्छा व्यक्त करनी होती है कि उन्हें एक छत से सोलर सिस्टम स्थापित करवाना है।
परियोजना विकसकों/सिस्टम इंटीग्रेटर्स/निर्माताओं का चयन:
लाभार्थी को परियोजना विकसकों, सिस्टम इंटीग्रेटर्स, या निर्माताओं का चयन करना होता है जो सोलर सिस्टम की स्थापना में शामिल हैं।
आवश्यक मंजूरी प्राप्त करना:
चयनित परियोजना विकसक या लाभार्थी को सिस्टम की स्थापना के लिए जरूरी मंजूरी डिस्कॉम्स (वितरण कंपनियां) से प्राप्त करनी होती है, जिससे स्थापना निर्दिष्ट राज्य विद्युत नियामक आयोग के द्वारा निर्धारित क्षमता सीमाओं के साथ मेल खाता है।
क्षमता सीमाओं का पालन:
स्थापित सिस्टम को राज्य विद्युत नियामक आयोग या संयुक्त विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित क्षमता सीमाओं के अनुसार स्थापित करना होता है।
स्थापना प्रक्रिया:
मंजूरी प्राप्त करने के बाद, सिस्टम की वास्तविक स्थापना की जाती है, जिसमें छत पर सोलर पैनल्स को स्थित किया जाता है, और इसे बिजली ग्रिड से कनेक्ट किया जाता है।
ग्रिड से कनेक्टिविटी:
सोलर सिस्टम को बिजली ग्रिड से कनेक्ट किया जाता है ताकि उत्पन्न अतिशेष बिजली को ग्रिड में भेजा जा सके।
मॉनिटरिंग और रखरखाव:
स्थापित सिस्टम का प्रदर्शन मॉनिटर किया जाता है और नियमित रखरखाव से सुनिश्चित किया जाता है कि यह श्रेष्ठ प्रदर्शन करे।
क्या मैं रूफटॉप सोलर सिस्टम से मासिक बिजली बिल को ‘शून्य’ बना सकता हूँ?
हाँ, रूफटॉप सोलर सिस्टम से मासिक बिजली बिल को ‘शून्य’ बना सकते है यह कुछ स्थिति मे संभव है क्योंकि उपभोक्ता को यदि स्वयं उत्पन्न ऊर्जा हो तो भी कुछ न्यूनतम शुल्कों को भुगतना करना परेगा, जैसे कि स्थायी शुल्क, आदि। हालांकि, ‘बिजली शुल्क’, मासिक बिल के महत्वपूर्ण हिस्से, को अच्छी तरह से डिज़ाइन और रखरखाव के माध्यम से शून्य किया जा सकता है। कुछ राज्यों में, जो अतिशेष बिजली उत्पन्न के लिए राजस्व प्रदान करते हैं, वहां आपका मासिक बिजली बिल ‘शून्य’ हो सकता है।
सरकार के पूर्व रूफटॉप सोलर कार्यक्रम क्या है ?
भारतीय नव और नवीनविकिता ऊर्जा मंत्रालय के अनुसार, दिसंबर 2023 के महीने तक भारत में सोलर पावर स्थापित क्षमता लगभग 73.31 GW (GiGa watt)है। इसके साथ ही, दिसंबर 2023 के महीने तक छत पर सोलर स्थापित क्षमता लगभग 11.08 GW था। केंद्र में वर्तमान में एक राष्ट्रीय रूफटॉप योजना है जो सोलर रूफटॉप परियोजना की पूंजी लागत के 40% तक की वित्तीय सहायता प्रदान करती है। 2014 में, सरकार ने 2022 तक 40,000 मेगावॉट (MW) या 40 गिगावॉट (GW) की कुल स्थापित क्षमता हासिल करने का उद्देश्य से ‘रूफटॉप सोलर(Rooftop solar) प्रोग्राम की शुरुआत की थी।
National portal for Rooftop solar (भारत सरकार के पोटल रूफटॉप सोलर) के अनुसार 1 Kw का रूफटॉप सोलर पैनल लगाने का खर्च कितना आएगा ?
1 Kw का रूफटॉप सोलर पैनल लगाने का खर्च लगभग रु 47000 आएगा लेकिन इसमे से रु 18000 रुपये का सब्सिडि मिल गाएगा । तो कुल कीमत रु 29000 रुपये परेगा।
अगर आप सोलर पैनल लगाना चाहते है तो इसका कितना KW(किल्लो वाट ) का लगाने मे कितना कर्च आयेगा , इसकी जानकारी रूफटॉप सोलर कैल्कुलेटर(calculator) link पर क्लिक कर ले सकते है। क्लिक करे-Rooftop solar calculator
रूफटॉप सोलर पैनल सब्सिडि(subsidy)के लिए कैसे apply करे?
सब्सिडि अप्लाई करने के लिए नीचे दिये गए 5 steps को फॉलो करे
चरण 1: ऑनलाइन आवेदन करने के लिए, आवेदकों को रूफटॉप सोलर के राष्ट्रीय पोर्टल पर जाना होगा। solarrooftop.gov.in
चरण 2: मुखपृष्ठ पर,-apply for rooftop solar पर click करे.
चरण 3: यहां आप राज्य का नाम, वितरण कंपनी/यूटिलिटी, उपभोक्ता खाता नंबर दर्ज कर सकते हैं और “Next” बटन पर क्लिक करे ।
चरण 4: फिर आप इस यहां दिए गए QR कोड का उपयोग करके रूफटॉप सोलर योजना के लिए पंजीकरण करने के लिए SANDES ऐप डाउनलोड करे।
चरण 5: फिर आप मोबाइल नंबर दर्ज कर सकते हैं और SANDES एप्लिकेशन में OTP भेजने के लिए “Next” बटन पर क्लिक कर सकते हैं। फिर आपको मोबाइल SANDES एप्लिकेशन OTP और ईमेल आईडी दर्ज करनी होगी ताकि सोलर रूफटॉप योजना आवेदन पत्र भरने की प्रक्रिया पूरी हो सके।