ईरान ने पाकिस्तान पर हमला किया और पाकिस्तान ने उस पर जवाबी कारवाई की- जाने पूरी मामला
ईरान ने मंगलवार (16 जनवरी) को “सटीक मिसाइल और ड्रोन ” का उपयोग करके बलूचिस्तान प्रांत में आतंकवादी संगठन जैश अल-अदल (Jaish al-Adl)(ईरान में जैश अल-धुलम के रूप में जाना जाता है) के दो प्रमुख गढ़ों को निशाना बनाया। यह हमला गाजा में हमास के खिलाफ इजरायल के चल रहे युद्ध के कारण मध्य पूर्व में बढ़े तनाव के बीच हुआ है। इस महीने की शुरुआत में इस्लामिक स्टेट द्वारा दावा किए गए आत्मघाती बम विस्फोट को लेकर ईरान ने पहले भी इराक और सीरिया में हमले किए थे, जिसमें 90 से अधिक लोग मारे गए थे।
ईरान के विदेश मंत्री ने कहा कि ऑपरेशन में आतंकवादी समूह जैश अल-अदली को निशाना बनाया गया है ,जिसे उन्होंने पाकिस्तान में “ईरानी आतंकवादी समूह” बताया। बलूचिस्तान में हमले में दो बच्चों की मौत हो गई और तीन अन्य घायल हो गए।
पाकिस्तान पर हमला का क्या रीज़न था ?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ईरानी सेना ने कुख्यात सुन्नी आतंकवादी समूह जैश अल-अदल को मरने के लिए हमला किया क्यो की पाकिस्तानी आतंकवादी समूह जैश अल-अदल द्वारा 11 ईरानी पुलिस बल के सदस्यों की मौत का लिया गया था उसी के खिलाफ यह एक जवाबी प्रक्रिया था। जी हा आतंकवादी संगठन जैश अल-अदल ने पिछले महीने ईरान के दक्षिण-पूर्व में सिस्तान और बलूचिस्तान प्रांत के रस्क शहर में एक पुलिस स्टेशन पर हमला किया और अधिकारियों की हत्या कर दी।
घटना के बाद, ईरानी विदेश मंत्री होसैन अमीराब्दुल्लाहियन और उनके पाकिस्तानी समकक्ष जलील अब्बास जिलानी ने एक बैठक की, जहां तेहरान ने अपनी निराशा व्यक्त की।
पाकिस्तान सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एएफपी को बताया कि तेहरान ने हमले का कोई संकेत नहीं दिया था. इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि यह हमला उसी दिन हुआ,जब ईरान के विदेश मंत्री होसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन ने स्विट्जरलैंड के दावोस में विश्व आर्थिक मंच में पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधान मंत्री अनवर-उल-हक काकर से मुलाकात की थी।
घटना का विवरण-
आतंकी समूह ने एक टेलीग्राम पोस्ट में कहा कि ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने दो घरों को नष्ट करने के लिए छह हमलावर ड्रोन और कई रॉकेटों का इस्तेमाल किया था, जहां उसके आतंकवादियों के बच्चे और पत्नियां रहते थे।
पाकिस्तान ने जवाबी हमला किया-
ईरान द्वारा तेहरान का विरोध करने वाले आतंकवादी समूह के मुख्यालय पर मंगलवार देर रात पाकिस्तान के क्षेत्र में ड्रोन और मिसाइलों से हमला करने के एक दिन बाद, गुरुवार को टीवी रिपोर्टों में दावा किया गया कि पाकिस्तान ने जवाबी हमला किया है।
पाकिस्तान की स्ट्राइक कथित तौर पर दो बलूच अलगाववादी गुटों अर्थात् बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट और बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी द्वारा किया गाय है।
पाकिस्तान ने अपने बलूचिस्तान प्रांत में हमले के बाद ईरान के राजदूत को इस्लामाबाद लौटने से भी रोक दिया था।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि पाकिस्तान की संप्रभुता का उल्लंघन “पूरी तरह से अस्वीकार्य” है और गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी थी। बयान में आगे कहा गया है कि ईरान ने दोनों देशों के बीच संचार के कई माध्यमों के अस्तित्व के बावजूद यह कार्रवाई की है।
जैश अल-अदल क्या है?
2012 में स्थापित, जैश अल-अदल या आर्मी ऑफ जस्टिस, एक अलगाववादी आतंकवादी समूह है जो ईरान और पाकिस्तान दोनों में काम करता है। 10 जनवरी को रास्क में एक पुलिस स्टेशन पर हुए हमले में एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई, लगभग यह हमला एक महीने बाद हुआ था जिस में 11 पुलिस अधिकारी और मारे गए थे। दोनों हमलों की जिम्मेदारी जैश अल-अदल ने ली थी जिसे ईरान ने “आतंकवादी” समूह को ठराया गाय है।
इसका घोषित लक्ष्य है शिया बहुल ईरान के एकमात्र सुन्नी बहुल सिस्तान और बलूचिस्तान प्रांत की स्वतंत्रता है।
2019 में, जैश अल-अदल ने एक बस को निशाना बनाकर किए गए आत्मघाती बम विस्फोट की जिम्मेदारी ली, जिसमें ईरान के अर्धसैनिक रिवोल्यूशनरी गार्ड के 27 सदस्य मारे गए।
पहले भी इस तरह के हमला हुए,आतंकवादी समूह को मारने के लिए-
2016 में, जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों द्वारा उरी में भारतीय सेना ब्रिगेड मुख्यालय पर हमले के बाद भारत ने जवाबी कार्रवाई की, जिसमें 19 सैनिक मारे गए और कई अन्य घायल हो गए।
भारतीयी सेना पहले भी सीमा पार आतंकी लॉन्च पैड पर सर्जिकल स्ट्राइक किया है-इस भारतीय सेना के ऑपरेशन में 50 से 70 आतंकवादी मारे गए।
इसी तरह 2019 में, पुलवामा हमलों के बाद, भारतीय वायु सेना ने बालाकोट में आतंकवादी प्रशिक्षण शिविरों पर हमला किया। IAF ने यह भी दावा किया कि उसने डॉगफाइट के दौरान एक पाकिस्तानी F-16 फाइटर जेट को मार गिराया।
2011 में, पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के नेतृत्व में अमेरिका ने अल-कायदा के संस्थापक ओसामा बिन लादेन को बाहर निकालने के लिए एक साहसी अभियान चलाया था। नेवी सील कमांडो ने एबटाबाद शहर में पाकिस्तानी क्षेत्र के काफी अंदर तक जाकर ऑपरेशन को अंजाम दिया। बिन लादेन न केवल मारा गया बल्कि उसका शव भी बरामद कर लिया गया और बाद में उसी दिन अरब सागर में दफना दिया गया। इससे पहले कि पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान प्रतिक्रिया दे पाता, ऑपरेशन को अंजाम दिया गया।
दूसरे देसो का इस हमले पर क्या कहना है-
चीन ने कहा की “संयम” दिखाने और “ऐसे कार्यों से बचने” का आग्रह किया जिससे तनाव बढ़ सकता है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि बीजिंग इन देशों को “करीबी पड़ोसियों” के रूप में देखता है।
संयुक्त राज्य अमेरिका: संप्रभु सीमाओं(sovereign borders) के उल्लंघन के रूप में ईरान के कार्यों की निंदा की, जो व्यापक अंतरराष्ट्रीय चिंताओं को दर्शाता है।
भारत ने कहा– पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर ईरानी मिसाइल हमले का जवाब देते हुए,आत्मरक्षा में काम करने वाले देशों के लिए समझ व्यक्त की,जबकि आतंकवाद विरोधी रुख पर जोर दिया।
Yesterday, #Iranian force #IRGC has conducted multiple missile strikes on different regional countries:
🇸🇾 Syria
🇮🇶 Iraq
🇵🇰 PakistanIran claimed, it has targeted Islamic State in #Syria, Mossad office in Kurdistan (#Iraq) and anti Iranian militant group in #Pakistan.
Iran has… pic.twitter.com/CXvjwigpQw
— Noor Dahri – نور ڈاہری 🇬🇧 (@dahrinoor2) January 17, 2024