केंद्र का निर्णय: 16 साल से कम आयु के छात्रों को कोचिंग सेंटर में दाखिला नहीं, जानिए नए नियम के बारे में-
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने छात्रों की आत्महत्या के मामलों में वृद्धि,कोचिंग सेंटर से जुड़ी अन्य प्रतिकूल घटनाओं और छात्रों से वसूले जाने वाले ‘अत्यधिक’ शुल्क को ध्यान में रखते हुए निजी कोचिंग उद्योग को सुचारु रूप से चलाने के लिए राज्य और केंद्र शासित प्रदेश की सरकारों को एक राष्ट्रव्यापी ढांचा प्रदान करने के प्रयास के तहत गुरुवार को दिशानिर्देशों को जारी किया है।
प्राथमिक उद्देश्य कोचिंग केंद्रों के पंजीकरण और सुचारु रूप से चलाने के लिए एक ढांचा स्थापित करना है। केंद्र द्वारा जारी कोचिंग सेंटर 2024 के संचालन के लिए प्रस्तावित दिशानिर्देश सुझाव देते हैं कि 16 वर्ष से कम उम्र के छात्रों को कोचिंग सेंटरों में नामांकित नहीं किया जाना चाहिए। नए नियम के अनुसार छात्रों का नामांकन माध्यमिक विद्यालय परीक्षा के बाद ही होना चाहिए।
दिशानिर्देश यह भी सुझाव देते हैं कि कोचिंग सेंटरों को भ्रामक वादे नहीं करने चाहिए या माता-पिता और छात्रों को रैंक की गारंटी नहीं देनी चाहिए।
छात्रों की आत्महत्या, आग लगने की घटनाओं, कोचिंग की घटनाओं में सुविधाओं की कमी के साथ-साथ उनके द्वारा अपनाई गई शिक्षण पद्धतियों के बारे में सरकार को मिली शिकायतों के बाद यह कदम उठाया गया है।छात्रों का नामांकन माध्यमिक विद्यालय परीक्षा के बाद ही होना चाहिए।
The Ministry of Education issues Guidelines for Regulation of Coaching Centers 2024, placing student well-being at the forefront. Grounded in #NEP2020 principles, these guidelines prioritize mental well-being, fair practices, and inclusivity. It's a step towards creating a…
— Ministry of Education (@EduMinOfIndia) January 18, 2024
मिनिस्टरी ऑफ एडुकेशन(Ministry of Education) भारत सरकार ने पाया है कि कोई निर्धारित नीति या विनियमन के अभाव में देश में अनियंत्रित निजी कोचिंग सेंटरों की संख्या बढ़ती जा रही है।
इन सेंटरों से छात्रों से अत्यधिक शुल्क वसूलना, छात्रों पर अनावश्यक दबाव का परिणामस्वरूप छात्रों की आत्महत्या, आग और अन्य दुर्घटनाओं के कारण कीमती जिन्दगियों की हानि, और इन सेंटरों द्वारा अपनाई जाने वाली कई अन्य दुराचार की घटनाएं मीडिया में व्यापक रूप से रिपोर्ट की जा रही हैं।
कोचिंग सेंटर चलाने के नए नियम-
- कोचिंग संस्थान 16 वर्ष से कम आयु के छात्रों का नामांकन नहीं कर सकते हैं। छात्र नामांकन माध्यमिक विद्यालय परीक्षा के बाद ही होना चाहिए।
- कोई भी कोचिंग सेंटर ग्राजुएशन(graduation) से कम योग्यता वाले ट्यूटर को नियुक्त नहीं करेगा
- कोचिंग सेंटर किसी भी ट्यूटर या व्यक्ति की सेवाएं नहीं ले सकते हैं जो कोई भी क्राइम से जुड़े किसी भी अपराध का दोषी ठहराया गया है।
- कोचिंग भ्रामक वादे नहीं कर सकते हैं या कोचिंग सेंटरों में छात्रों को दाखिला देने के लिए माता-पिता को रैंक या अच्छे अंक की गारंटी नहीं दे सकते हैं।
- कोचिंग संस्थान या उसके छात्र, प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्राप्त परिणामों के भ्रामक विज्ञापन को प्रकाशित नहीं कर सकते हैं।
- एक कोचिंग संस्थान को पंजीकृत नहीं किया जाएगा जब तक इसमें इन मार्गदर्शिकाओं की आवश्यकता के अनुसार एक परामर्श प्रणाली नहीं हो।
- कोचिंग सेंटरों में ट्यूटर्स की योग्यता,पाठ्यक्रम पूरा होने की अवधि,छात्रावास सुविधाओं और ली जा रही फीस के अद्यतन विवरण के साथ एक वेबसाइट होनी चाहिए।
- कोचिंग सेंटरों को छात्रों की मानसिक भलाई के लिए कदम उठाने चाहिए और उन पर अनुचित दबाव डाले बिना कक्षाएं संचालित कर सकते हैं।
- सभी छात्रों और माता-पिता को मनोविज्ञानियों और परामर्शदाताओं(psychologists & counsellors) के नाम और उनकी सेवाएं प्रदान करने का समय की जानकारी दी जानी चाइए।
- दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि छात्रों और अभिभावकों के लिए प्रभावी मार्गदर्शन और परामर्श की सुविधा के लिए कोचिंग सेंटर में प्रशिक्षित परामर्शदाताओं की नियुक्ति की जानी चाइए।
- इसमें यह भी उल्लेख किया गया है कि ट्यूटर्स “मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों में प्रशिक्षण से गुजर सकते हैं ताकि छात्रों को उनके सुधार के क्षेत्रों के बारे में प्रभावी और संवेदनशील जानकारी दी जानी चाइए।
कोचिंग फी के लिए नए नियम-
- नए दिशानिर्देशों के अनुसार, विभिन्न पाठ्यक्रमों और पाठ्यक्रम के लिए ली जा रही ट्यूशन फीस उचित और उचित होगी और शुल्क की रसीदें उपलब्ध कराई जानी चाहिए
- यदि छात्र ने पाठ्यक्रम के लिए पूरा भुगतान कर दिया है और निर्धारित अवधि के बीच में पाठ्यक्रम छोड़ रहा है, तो एक छात्र को 10 दिनों के भीतर यथानुपात आधार पर शेष अवधि के लिए पहले जमा की गई फीस में से वापस कर दिया जाएगा। अगर छात्र कोचिंग सेंटर के हॉस्टल में रह रहा था तो हॉस्टल की फीस और मेस फीस आदि भी वापस करनी चाइए।
- किसी भी परिस्थिति में, वह शुल्क जिसके आधार पर किसी विशेष पाठ्यक्रम और अवधि के लिए नामांकन किया गया है, पाठ्यक्रम की अवधि के दौरान शुल्क बढ़ाया नहीं जाएगा।
- नए नियम को शक्ति प्रदान करते हुए,केंद्र ने सुझाव दिया है कि कोचिंग सेंटरों को अत्यधिक शुल्क वसूलने के लिए 1 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाना चाहिए या उनका पंजीकरण रद्द कर दिया जाना चाहिए, जिससे छात्रों की आत्महत्या या अन्य कदाचार का कारण बनता है।
यह देखते हुए कि +2 स्तर की शिक्षा का संचालन राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सरकारों की जिम्मेदारी है, इन संस्थानों को राज्य/केंद्रशासित प्रदेशों की सरकारों द्वारा सबसे अच्छी तरह विनियमित किया जाता है।
राज्य सरकार कोचिंग सेंटर की गतिविधियों की निगरानी और पंजीकरण की आवश्यक पात्रता की पूर्ति और कोचिंग सेंटर की संतोषजनक गतिविधियों के संबंध में किसी भी कोचिंग सेंटर के बारे में पूछताछ करने के लिए जिम्मेदार होगी।
कोचिंग संस्थानों की उचित निगरानी सुनिश्चित करने के लिए,केंद्र सरकार ने दिशा-निर्देशों के लागू होने के तीन महीने के भीतर नए और मौजूदा केंद्रों के पंजीकरण का प्रस्ताव दिया गया है।